सेटिंग के इस खेल में नार्मल प्रसव करने के बजाय करा दिया जाता आपरेशन
जननी सुरक्षा योजना की ब्रेकर बनीं आशा बहुओं पर नहीं लग पा रहा अंकुश
सिटी न्यूज़ फतेहपुर 
फतेहपुर(CNF)। सेहत महकमे की अहम धुरी ही जननी सुरक्षा योजना के लिए ब्रेकर बनी नजर आ रही है। जल्दी अमीर होने की लालसा न इस अहम कड़ी से वास्ता रखने वाली तमाम बहुओं को ऐसे खेल की पिच में उतार दिया है। जिसमें सिर्फ और सिर्फ, धन को अहमियत दी जाती है। नतीजा, इस खेल की सीधी मार प्रसव पीङिता ओर तीमारदार पर पड़ रही है। इसमें न केवल तीमारदार की जेब ढीली हो रही है बल्कि नार्मल प्रसव कराने के बजाय पीड़िता का आपरेशन तक कर दिया जा रहा है।
जिस तरह से जिले भर में नर्सिंग होम पनप रहे हैं। उसके पीछे आशा बहुओं की भी सक्रियता भी बहुत मायने रखती हैं। कहने को तो इन्हें जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसव पीड़ित महिला को सरकारी अस्पताल पहुंचाना होता है और वहां तक पहुंचने से पहले यह ऐसा माहौल पेश करती नजर आती हैं कि तीमारदार इनकी हां में हां मिलाने की स्थिति में नजर आता है। नतीजा योजना का लाभ तो नहीं मिल पा रहा है अलबत्ता, इस कड़ी के कारण जेब और शरीर पर जरूर मार पड़ रही है। सोमवार को जिला अस्पताल में एक महिला को लाने वाली आशा बहू को एक नर्सिंग होम के अहम गुर्गे से बात करते सुना गया। इसी के कुछ देर बाद प्रसव पीड़ित महिला को चहेते नर्सिंग होम पहुंचा दिया गया। देखा जाए तो पीएचसी व सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक इस तरह की तस्वीरें रोज का हिस्सा बन चुकी हैं। यह सब जिम्मेदारों की नजरों के सामने भी होता है लेकिन इस खेल को रोकने की कोशिशें कतईं नहीं हो रही है।
कोट-
मुझे जिला महिला अस्पताल का अतिरिक्त चार्ज मिला है। हालांकि उन तक ऐसी शिकायत नहीं पहुंची है। फिर भी मामले की पड़ताल कराएंगे। दोष उजागर होने पर वाजिब कार्रवाई को लिखापढी की जाएगी- डाॅ. प्रभाकांत सिंह, सीएमएस

944400cookie-checkफतेहपुर(CNF)/ सरकारी अस्पताल के बजाय नर्सिंग होम भेजी जा रहीं प्रसव पीड़िताएं

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