भोपाल। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में वोटतंत्र पर हावी नोटतंत्र का एक मामला सामने आया है। यहां ग्राम पंचायत भटौली के लोगों ने चुनाव प्रक्रिया के बजाए नीलामी प्रक्रिया के तहत अपने जनप्रतिनिधियों को चुनने का निर्णय लिया है। सरपंच पद के लिए हुई नीलामी के दौरान 44 लाख की बोली लगाने वाले व्यक्ति को ग्रामीणों ने माला पहनाकर अपना सरपंच चुन लिया है।
दरअसल अशोकनगर के चंदेरी जनपद अंतर्गत भदौली ग्राम पंचायत के राधा कृष्ण मंदिर में ग्रामीणों की बैठक हुई थी। बैठक के दौरान सर्वसम्मति से यह निर्धारित किया गया कि इस बार नीलामी प्रक्रिया से नेताओं को चुना जाए। मंगलवार को इसी मंदिर में नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई।
बताया जा रहा है कि सरपंच पद के चार दावेदार इस नीलामी प्रक्रिया में शामिल हुए थे। ग्रामीणों के मुताबिक नीलामी की शुरुआत ही 21 लाख रुपए से हुई। इसके बाद यहां मौजूद अन्य उम्मीदवारों ने राशि बढ़ाकर बोली लगाई। यह बोली 43 लाख रुपए तक पहुंच गई, जिसके बाद सौभाग सिंह यादव ने 44 लाख रुपए की बोली लगाकर डील अपने नाम किया।
इसके साथ साथ यह भी तय कहा गया है कि अगर सौभाग सिंह बुधवार शाम तक यदि वे 44 लाख रुपए जमा नहीं करते हैं तो उनके निकटतम प्रतिद्वंदी द्वारा लगाई गई बोली को मान्य किया जाएगा।
इस मामले पर ग्रामीणों ने कहा है कि वे लोग चुनाव में होने वाले अनावश्यक खर्च को रोक रहे है और सर्वसम्मति वाली प्राचीन परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव आयोग से कोई सरोकार नहीं है, इस पैसे का खर्च गांव के विकास कार्यो में किया जाएगा।