भारतीय निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव की घोषणा की। यूपी में चुनाव सात चरणों में होंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर चुनावी रैलियों पर रोक लगा दी है। अब पांच राज्यों में घोषित विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए पार्टियों को डिजिटल मीडियम का ही सहारा लेना पड़ेगा। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करके बीजेपी ने डिजिटल प्‍लेटफॉर्म पर दबदबा कायम कर लिया है। उन्‍होंने चुनाव आयोग से क्षेत्रीय दलों की ओर ध्‍यान देने की भी अपील की है।

पिछले चुनावों के दौरान सपा ने एक ‘समाजवादी डिजिटल फोर्स’ (एसडीएफ) की स्थापना की थी, जिसने व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से करोड़ों मतदाताओं को जोड़ा। हर जिले में, एसडीएफ दो वालंटियर्स को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ने का प्रभार दिया जाता है। चूंकि समूहों में अब तक 256 सदस्यों की सीमा है, वालंटियर्स को विभिन्न समूहों को मनु सदस्यों के रूप में समायोजित करने के लिए कहा जाता है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने एक बार फिर एसडीएफ को सक्रिय कर दिया है, जिसका उपयोग वे मुख्य रूप से पार्टी नेताओं के भाषण, प्रचार सामग्री और अभियान के शॉर्ट वीडियो और फोटो को भेजने के लिए करेंगे।

इन एसडीएफ समूहों का उपयोग विभिन्न कार्यक्रमों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के लाइव लिंक प्रदान करके सपा प्रमुख और अन्य नेताओं के संदेश को बढ़ाने के लिए भी किया जाएगा। पार्टी राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खराब नेट कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए शॉर्ट वीडियो पर टेक्स्ट इमेज पर ध्यान केंद्रित करेगी। साथ ही अखिलेश यादव और पार्टी के अन्य नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट, जिनके अच्छी संख्या में फॉलोअर्स हैं। उनका इस्तेमाल चुनाव प्रचार को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि पार्टी विभिन्न जिलों में स्थानीय यूट्यूबर्स को जोड़ने की भी कोशिश करेगी।

चुनाव आयोग के ताजा दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पार्टी की योजना घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए पांच सदस्यीय टीम भेजने की भी है। दिलचस्प बात यह है कि इन अभियानों का सीधा प्रसारण विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब पर भी किया जाएगा। पार्टी ने चुनाव प्रचार में मदद के लिए एलईडी स्क्रीन वाले वाहनों की भी मदद लेने की योजना बनाई है। हाल ही में अखिलेश यादव ने विजय रथ यात्राओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश की लंबी-चौड़ी यात्रा की है।

354940cookie-checkयूपी चुनाव 2022: फिजिकल रैलियों पर आयोग की रोक, अखिलेश की समाजवादी डिजिटल फोर्स हुई एक्टिव
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