भारत सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं क्योंकि आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले देश पाकिस्तान पर अब अमेरिका का दबाव बढ़ने लगा है। भारत दुनिया को यह पूरी तरह समझाने में कामयाब हो रहा है कि कैसे आतंकवाद को पाकिस्तान स्टेट पॉलिसी के तौर पर आगे बढ़ाता है इसलिए अब अमेरिका ने पाकिस्तान पर शिकंजा कस दिया है क्योंकि भारत और पाकिस्तान के लिए जो राजदूत नामित किये गये हैं उन्होंने आतंक के आका देश के खिलाफ शुरू में ही तगड़ा मोर्चा खोल दिया है। सबसे पहले बात करते हैं भारत में अमेरिका के राजदूत पद के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा नामित लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक माइकल गार्सेटी की। उन्होंने कहा है कि भारत ‘‘कठिन पड़ोसियों’’ के बीच स्थित है। उन्होंने कहा कि वह ‘‘अपनी सीमाओं एवं संप्रभुता की रक्षा करने तथा हमलों को रोकने की’’ भारत की क्षमता को मजबूत करने के अमेरिकी प्रयासों को और आगे बढ़ाएंगे। भारत के लिए अमेरिका के राजदूत पद पर अपने नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई के दौरान गार्सेटी ने सांसदों से कहा, ‘‘भारत कठिन पड़ोसियों के बीच स्थित है। यदि मेरे नाम की पुष्टि हो जाती है तो मैं इसकी सीमाओं एवं संप्रभुता की रक्षा करने और हमलों को रोकने की भारत की क्षमता को मजबूत करने के अमेरिकी प्रयासों को और आगे बढ़ाऊंगा।’’

गार्सेटी ने कहा कि वह ‘‘सूचना साझा करके, आतंकवाद विरोधी समन्वय, नौवहन गश्त की संयुक्त स्वतंत्रता और सैन्य अभ्यास (जिसमें मैंने अपने भारतीय समकक्षों के साथ एक नौसेना अधिकारी के रूप में भाग लिया है) और हमारी सर्वोत्तम रक्षा प्रौद्योगिकियों की बिक्री’’ के माध्यम से ये प्रयास करेंगे ताकि ‘‘हमारी बड़ी रक्षा साझेदारी को उसकी पूरी क्षमता तक आगे बढ़ाया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि अगर उनके नाम की पुष्टि हो जाती है, तो वह अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) और एजेंडा 2030 जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के माध्यम से हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के साहसिक दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे। यहां बाइट लग जायेगी।

वहीं पाकिस्तान के लिए अमेरिका के राजदूत नामित किये गये डोनाल्ड आर्मिन ब्लोम ने कहा है कि वह इस्लामाबाद को बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकवादी समूहों को निशाना बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। ब्लोम ने कहा, “मैं बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकवादी समूहों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालूंगा।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों ने लंबे समय से ईशनिंदा के आरोपों सहित अन्य मामलों में भेदभाव का सामना किया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान में कानून का शासन कमजोर हुआ है, भीड़तंत्र शासन के लिए चुनौती है। उन्होंने कहा कि मैं मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ बोलूंगा और धार्मिक स्वतंत्रता बनाये रखने पर जोर दूंगा।

332320cookie-checkभारत के प्रयास रंग लाये, अमेरिका ने दो राजदूतों के जरिये पाकिस्तान पर बनाया तगड़ा दबाव
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