नई दिल्ली: हर किसी की तरक्की से जलने वाला चीन (China) इस बार भारत के डिफेंस बजट (Defense Budget) को देख जल-भूनकर खाक हो गया है। भारत सरकार ने डिफेंस सेक्टर में हथियारों (Weapons) की खरीद से लेकर सेना को मॉडर्न करने के लिए खर्च का दायरा क्या बढ़ाया चीनी सरकार के हाथ पांव फूल गये। चीन अपने इस डर को छिपा नहीं पा रहा है। ग्लोबल टाइम्स में चीनी सरकार की तरफ से भड़ास निकाला गया है जो चीनी डर का जीता-जागता उदाहरण है।
चीनी डर का विश्लेषण इस संदर्भ में समझना बेहद जरूरी है कि कम्यूनिस्ट शासन सिर्फ जनता को डर दिखाकर ही किया जा सकता है। जिस दिन कम्यूनिस्ट शासन के खिलाफ जनता खड़ी हो जाए, उसकी सत्ता का पतन हो जाता है। चीन की कम्यूनिस्ट सरकार दूसरे देशों को सिर्फ इसलिए डराने की कोशिश करती है ताकि उसकी जनता जान सके कि सरकार ताकतवर है।
ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था से भारत के रक्षा बजट की तुलना करते हुए लिखा है कि ‘एक तरफ कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7% का संकुचन आ गया है लेकिन इसके बावजूद भारत ने रक्षा बजट में इजाफा कर दिया है। भारत सरकार ने रक्षा बजट में हथियार खरीदने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया है, जिसे लेकर चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरे देशों से हथियार खरीदने से भारत को चीन सीमा विवाद से निपटने में कोई फायदा नहीं होने वाला है’। चीनी मुखपत्र आगे लिखता है कि ‘भारत अपनी सैनिकों पर आंख मूंद कर घमंड कर रहा है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाएगा’
ग्लोबल टाइम्स ने चीन और भारत के डिफेंस बजट की तुलना करते हुए लिखा है कि ‘इस बार भारत सरकार ने पिछले साल के मुकाबले डिफेंस बजट काफी बढ़ा दिया है। इस बार भारत सरकार का डिफेंस बजट 47.4 बिलियन डॉलर का है जबकि चीन का रक्षा बजट 178.6 बिलियन डॉलर का है। ग्लोबल टाइम्स लिखता है कि भारत सरकार ने डिफेंस बजट में इजाफा चीन के साथ सरहद विवाद के चलते फौरन हथियार खरीदने के लिए किया है” ये चीन का डर नहीं तो और क्या है, क्योंकि कोई भी सरकार अपने देश और सेना की ताकत बढ़ाना ही चाहेगी। वो भी तब जब उसका पड़ोसी चीन और पाकिस्तान हो।
जब से भारतीय सैनिकों ने सरहद पर चीनी सैनिकों की धुलाई की है, तब से चीन भारत से खार खाया हुआ है। ग्लोबल टाइम्स ने एक चीनी एक्सपर्ट सोंग झोंगपिंग के कॉमेंट का उल्लेख करते हुए लिखा है कि ‘भारत में कोविड-19 के चलते अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट आई है। ऐसी स्थिति में अभी भारत सरकार को हथियारों की खरीद पर ध्यान नहीं देना चाहिए’ अब देखिए, चीन कब से भारत का शुभचिंतक हो गया। आखिर कब से चीन को भारत की चिंता सताने लगी। हां ये सही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7% की गिरावट आई है, लेकिन इस गिरावट की उम्मीद लॉकडाउन लगाते वक्त सरकार ने भी की थी और देश की जनता ने भी। लेकिन, भारत एक संप्रभु राष्ट्र है जो अपनी रक्षा करना जानता है। चीन की ये तिलमिलाहट इसलिए है क्योंकि इसी साल के अंत तक रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम भारत आ जाएगा साथ ही अमेरिका के साथ रफाल एयरक्राफ्ट के समकक्ष एक दूसरा एयरक्राफ्ट F-15EX खरीदने पर बात चल रही है। ये डिफेंस एयरक्राफ्ट चीन को ध्यान में रखते ही खरीदने की कोशिश हो रही है। बताया जा रहा है कि भारत सरकार 114 F-15EX एयरक्राफ्ट अमेरिका से खरीदेगी। जाहिर है, भारत का ये एयरक्राफ्ट चीनी सेना पर कहर परपाने के लिए ही है। लिहाजा, भारत के डिफेंस बजट से चीन का तिलमिलाना तय है।