जकार्ता। इंडोनेशिया की एक अदालत ने एक इस्लामिक आतंकवादी को बुधवार को उम्र कैद की सजा सुनाई। उसे 2005 में एक बाजार में हमले में इस्तेमाल बम को तैयार करने का दोषी पाया गया, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी और वह 16 साल से गिरफ्तारी से बचा रहा था। उपिक लवंगा ‘प्रोफेसर’ के रूप में जाना जाता है और वह जेमाह इस्लामिया आतंकवादी नेटवर्क का प्रमुख सदस्य है। इस संगठन को अमेरिका ने आतंकवादी समूह घोषित किया है। इस समूह को इंडोनेशिया के बाली में 2002 के बम हमले समेत अन्य तथा फिलीपींस में हुए हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

बाली के हमले में 202 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर विदेशी पर्यटक थे। पूर्वी जकार्ता जिला न्यायालय ने 43 वर्षीय लवंगा को पोसो जिले के टेंटेना बाजार में 28 मई, 2005 को हुए हमले में संलिप्त होने का दोषी पाया। इस हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी और 91 घायल हो गए थे, जिनमें से ज्यादातर ईसाई थे। मध्य सुलावेसी प्रांत के पोसो में मुस्लिम-ईसाई के बीच संघर्ष में 1998-2002 के बीच कम से कम 1,000 लोगों की मौत हुई थी। लवंगा ने कहा कि वह इस फैसले पर याचिका दायर करेगा। उसने यह दलील दी कि उसने बम बनाने में मदद जरूर की लेकिन हमले नहीं किए और उसे यह पता नहीं था कि बम का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। लवंगा पोसो से 2005 के हमले के बाद फरार हो गया था और एक किसान के रूप में पत्नी और बच्चे के साथ लामपुंग में रह रहा था।
325870cookie-checkइंडोनेशिया में 2005 के हमले में शामिल इस्लामिक आतंकवादी को उम्र कैद की सजा
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