फोटो (सीएनएफ) अरुण कुमार
जैन धर्म गुरु अंतर्मना आचार्य 108 प्रसन्न सागर नें तय की एक लाख किलोमीटर की पदयात्रा
पदम चंद जैन परिवार ने स्वागत समारोह में किया प्रसाद वितरण गुरु के ओजस्वी विचारों से अनुयायियों में नई ऊर्जा का संचार
फोटो (सीएनएफ) अरुण कुमार
चौडगरा /फतेहपुर(CNF) जनपद में महात्मा गांधी के डांडी यात्रा से प्रेरित होकर जैन धर्म गुरु अंतर्मन आचार्य 108 प्रसन्न सागर के साथ शो में मूर्ति जैन मुनि 108 पियूष सागर की पदयात्रा बृहस्पतिवार को कानपुर के पारस इण्ड्रस्टीज ई 30 रुमा में प्रवास के दौरान प्रसाद वितरण व अनुयायियों के ठहरने का व्यापक प्रबंध कराया जहाँ छिवली के रास्ते फतेहपुर जनपद में प्रवेश हुए जहां शुक्रवार को चौडगरा कस्बे में रवी जैन, राजीव जैन रोल ट्यूब से हो ते हुए प्रयागराज की यात्रा आरम्भ हुई जैन धर्म गुरुओं का पदमचंद जैन परिवार की ओर से भव्य स्वागत व प्रसाद वितरण किया गया। अहिंसा परमो धर्मः को ध्यान में रख यात्रा के दौरान गुजरात ,अहमदाबाद, कानपुर ,वेस्ट बंगाल ,धुलियान राजस्थान, मैसूर कर्नाटक, मुंबई, चेन्नई, राजस्थान ,छत्तीसगढ़ ,झारखंड ,बिहार, आसाम, मध्य प्रदेश, के सैकड़ों की संख्या में अनुयाई शिष्य पदयात्रा में शामिल रहे।
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जानकारी के अनुसार जैन धर्म गुरु प्रसन्न सागर के 35 उपवास उनके कठिन तपस्या, परिश्रम, कर्तव्य निष्ठा, तपस्वी की उपाधि से आम जनमानस संबोधित व सम्मानित करता है। पदयात्रा कार्यक्रम में पदम् चंद्र जैन तेल मिल वाले पवनीश जैन, आनंदपुरी कानपुर , मनीष जैन , अवनीश जैन, अजय लाली जन्म आराध्या कोटा से , तो वहीं दूसरी ओर विजय किरण दूत रावी मुंबई से विनोद, ईशान ,मनीष, बंटी, राजेश, रोचक ,अमित, सन्दीप सहित बडी संख्या में धर्म गुरु के शिष्य पदयात्रा में शामिल रहे इस दौरान पवनीश जैन शिष्य से पूछे जाने पर बताया कि गुरु के गुरु के ओजस्वी विचारों को सुनकर हम शिष्यों के अंदर नई ऊर्जा का संचार होता है। ईश्वर से जुड़ने का एकमात्र माध्यम गुरु ही होता है। गुरुओं की कड़ी तपस्या हमें अत्यधिक परिश्रम करने के लिए प्रेरित करती है। देश प्रेम, अध्यात्म, धर्म, को लेकर गुरु का विचार हमें उत्साहित करता है। जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।