नयी दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के निष्पक्ष रवैये पर सवाल उठाने को लेकर वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने मंगलवार को अपने आचरण पर खेद जताया और सदन को भरोसा दिलाया कि भविष्य में उनकी ओर से इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। मंगलवार को शून्यकाल आरंभ होते ही संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को उच्च सदन में हुई इस घटना का उल्लेख करते हुए इसकी निंदा की और कहा कि ऐसा आचरण स्वीकार्य नहीं है।
नयी दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के निष्पक्ष रवैये पर सवाल उठाने को लेकर वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने मंगलवार को अपने आचरण पर खेद जताया और सदन को भरोसा दिलाया कि भविष्य में उनकी ओर से इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। मंगलवार को शून्यकाल आरंभ होते ही संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को उच्च सदन में हुई इस घटना का उल्लेख करते हुए इसकी निंदा की और कहा कि ऐसा आचरण स्वीकार्य नहीं है।
न्होंने आसन से कहा, ‘‘कल जो कुछ भी हुआ, वह बहुत निंदनीय है। आपके प्रति हमारे दिल में बहुत सम्मान है। आसन के प्रति बहुत सम्मान है। आसन पर आक्षेप लगाना स्वीकार्य नहीं है। इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।’’ जोशी ने इस घटना के लिए खेद जताते हुए रेड्डी से आग्रह किया कि वह अपने आचरण के लिए सभापति से क्षमा मांगें। रेड्डी ने खेद जताते हुए कहा, ‘‘मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। आसन को निष्प्रभावी बनाने वाला मैं कोई नहीं होता। कल मैं भावुक हो गया था। मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं। मैं खेद जताता हूं। मैं भावुक हूं। आश्वासन देता हूं कि इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी।’’ इसके साथ ही सभापति नायडू ने इस मामले को यहीं समाप्त करने की घोषणा की। ज्ञात हो कि सोमवार को रेड्डी ने व्यवस्था के प्रश्न का हवाला देते कहा था कि कुछ दिन पहले तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के एक सदस्य ने इस सदन में एक ‘‘आपत्तिजनक’’ मामला उठाया था। उन्होंने कहा था, ‘‘इस मामले को उठाया नहीं जाना चाहिए था।