नई दिल्ली/ लुधियाना के कोर्ट में हुए ब्लास्ट की जांच जारी है। इस दौरान पंजाब पुलिस के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं। साथ ही मृतक की भी पहचान कर ली गई, जो विस्फोटक को ला रहा था। इसके अलावा एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया कि जर्मनी के एक खालिस्तान समर्थक आतंकवादी और पाकिस्तान स्थित एक कट्टरपंथी की संलिप्तता इस ब्लास्ट में थी। जिसके सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।
मामले में पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि लुधियाना ब्लास्ट बहुत शक्तिशाली ब्लास्ट था, मौके से हमें काफी लीड मिली। मृतक के हाथ पर हमें टैटू मिला, मौके का जायजा करके हमें लगा कि मृतक विस्फोटक ला रहा था। जांच में हमें पुख्ता हो गया कि ये सही है। इसके अलावा मृतक शख्स ही मुख्य आरोपी था, जो पंजाब पुलिस में हेड कांस्टेबल था, लेकिन ड्रग्स केस में संलिप्तता के चलते उसे निलंबित कर दिया गया था। 2019 में एसटीएफ ने ड्रग्स के लिए उसे गिरफ्तार किया था।
डीजीपी के मुताबिक 2 साल जेल में रहने के बाद गगनदीप की बेल हुई और उसका ट्रायल चल रहा था। ऐसी उम्मीद है कि जेल में उसका नारकोटिक्स फिर माफिया और फिर ड्रग में ट्रांजिशन हुआ। इसके लिंक पंजाब और विदेश में खालिस्तानी तत्वों, टेरर आउटफिट, माफिया आउटफिट और नारकोटिक्स स्मगलर के साथ मिले हैं।
केंद्र सरकार भी है गंभीर
आपको बता दें कि लुधियाना ब्लास्ट को केंद्र सरकार ने भी गंभीरता से लिया है। जिस वजह से शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने देश की सुरक्षा स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की। जिसमें आईबी प्रमुख, सीआरपीएफ प्रमुख, बीएसएफ प्रमुख आदि शामिल हुए। वहीं केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को लुधियाना जिला अदालत का दौरा किया था। साथ ही अधिकारियों से घटना की विस्तृत जानकारी ली। केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य लुधियाना के साथ-साथ पंजाब के लोगों को आश्वस्त करना था कि केंद्र और राज्य दोनों मिलकर इस मामले में साथ काम कर रहे हैं।