केपटाउन। भारत को करिश्माई कप्तान विराट कोहली की मौजूदगी की जरूरत है जिससे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतने के उसके अभियान को मजबूती मिलेगी लेकिन मंगलवार से शुरू हो रहे टेस्ट में मेजबान टीम भी दूसरा टेस्ट जीतने के बाद बढ़े हुए मनोबल के साथ उतरेगी। कोहली पीठ के ऊपरी हिस्से में जकड़न के कारण पिछले हफ्ते जोहानिसबर्ग में दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए थे और अगर न्यूलैंड्स पर ट्रेनिंग सत्र से मिले संकेतों को देखें तो भारतीय कप्तान के तीसरे और अंतिम टेस्ट में खेलने की पूरी संभावना है। तीन मैचों की श्रृंखला अभी 1-1 से बराबर है। मेजबान टीम भी निश्चित तौर पर दूसरे टेस्ट में अपने प्रदर्शन से प्रेरणा लेना चाहेगी। कोहली अपना 99वां टेस्ट अपनी बेटी के पहले जन्मदिन के मौके पर खेलेंगे। ऐसे में बल्लेबाज कोहली चाहेंगे कि वह पिछले कुछ समय से बेहद दबाव का सामना कर रहे कप्तान कोहली के लिए इस मैच को यादगार बनाएं। दक्षिण अफ्रीका में तीन दशक में पहली टेस्ट श्रृंखला जीतने से निश्चित तौर पर कोहली का नाम पारंपरिक प्रारूप में देश के महानतम कप्तान के रूप में स्थापित होगा। इसके लिए हालांकि भारत को अपने बल्लेबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी जो पिछले कुछ समय से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
अगर रविवार के अभ्यास पर गौर करें तो वह अभी कवर ड्राइव खेलने से नहीं हिचक रहे हैं। ऋषभ पंत ने हाल के महीनों में तेज गेंदबाजों के खिलाफ आगे बढ़कर खेलते हुए आक्रामकता दिखाई है लेकिन इसका उन्हें अधिक फायदा नहीं मिला है। न्यूलैंड्स की असमान उछाल वाली घसियाली पिच पर भारत को कागिसो रबाडा, डुआने ओलिवियर, लुंगी एनगिडी और मार्को जेनसन के खिलाफ बेहतर बल्लेबाजी करनी होगी। भारत ने केपटाउट में कभी टेस्ट मैच नहीं जीता है और मध्यक्रम के तीन अनुभवी बल्लेबाजों को वांडरर्स से बेहतर प्रदर्शन करना होगा। पुजारा और रहाणे को दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में अर्धशतक जड़ने के बाद अंतिम एकादश में बरकरार रखा जा सकता है लेकिन अगर वे कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं देते हैं और उनका करियर बचाने के लिए ये नाकाफी हो सकता है। अर्धशतक जड़ना सकारात्मक संकेत हैं लेकिन अच्छी शुरुआत को बड़े शतक में नहीं बदल पाना निराशाजनक है। इसी तरह लोकेश राहुल और मयंक अग्रवाल को भी दक्षिण अफ्रीका के तूफानी गेंदबाजों के खिलाफ टीम को अच्छी शुरुआत दिलानी होगी। तेज गेंदबाज इशांत शर्मा भी अपने करियर के अंतिम चरण में हैं और मोहम्मद सिराज के पैर की मांसपेशियों में चोट से उन्हें मौका मिल सकता है।
पिछले छह महीने में वह खराब फॉर्म और चोट से जूझते रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका की पिचों की प्रकृति और इशांत की छह फीट से अधिक की लंबाई के साथ लगातार मेडन फेंकने की क्षमता उन्हें उमेश यादव से बेहतर विकल्प बनाती है। टीम को हालांकि जसप्रीत बुमराह से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी जिनका स्ट्राइक रेट पीठ की चोट से वापसी करने के बाद गिरा है। डीन एल्गर, रेसी वान डेर डुसेन और तेंबा बावुमा को बुमराह अपनी शॉर्ट पिच गेंदों से परेशान नहीं कर पाए और वह अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहेंगे। टीमें इस प्रकार हैं: भारत: विराट कोहली (कप्तान), लोकेश राहुल, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, रविचंद्रन अश्विन, शारदुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, अजिंक्य रहाणे, रिद्धिमान साहा, जयंत यादव, प्रियांक पांचाल, उमेश यादव, हनुमा विहारी और इशांत शर्मा। दक्षिण अफ्रीका: डीन एल्गर (कप्तान), तेम्बा बावुमा, कागिसो रबाडा, सरेल इरवी, ब्युरेन हेंड्रिक्स, जॉर्ज लिंडे, केशव महाराज, लुंगी एनगिडी, एडेन मार्कराम, वियान मुल्डर, कीगन पीटरसन, रासी वेन डेर डुसेन, काइल वेरेने, मार्को जेनसन, ग्लेनटन स्टुरमैन, प्रेनेलन सुब्रायेन, सिसांडा मगाला, रेयान रिकेल्टन, डुआने ओलिवियर। समय: मैच भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा।