नियमों को ताक पर रखकर मनचाही कंपनियों को टेंडर दिए जाने का बड़ा खेल
मुख्यमंत्री के नाक के नीचे सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारी और कंपनियों के साथ साठगांठ से टेंडर मैनेजमेंट का चल रहा है बड़ा खेल
1) अधिकारियों द्वारा जिन फर्मो को अनुभव प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं उनके द्वारा जो कार्य कराए गए हैं उनके अंतिम मूल्यों के अनुसार ना करते हुए अधिक मूल्यों के कार्य निर्गत किए गए
2) सिनेसिस कंपनी जो 1A के अंतर्गत MSRDC Mumbai के अधीनस्थ काम किया गया है वह कार्य PMC का नहीं है जो कि RFP से स्पष्ट है
3) अधिकारियों द्वारा बड़ा खेल करते हुए इसमें दिखाया गया है अनुबंध MSRDC मुम्बई के साथ हुआ है जबकि कार्य का प्रमाण पत्र पूना द्वारा निर्गत किया गया है
4) मूल्यांकन करने वाले को किस आधार पर फर्म को क्वालीफाई किया गया जबकि 1A के अंतर्गत इस तरह के प्रकरण को डिसक्वालीफाई किया जाता है, क्योंकि किसी से कोई क्लेरिफिकेशन नहीं मांगा गया जबकि फर्म से 1A में जो संदर्भित किया गया है वह PMC का कार्य नहीं है जैसा कि इसमें लिखा हुआ है ( वेबसाइट मे )
5 ) इस कार्य की विभाग की दरें काफी कम है और अपनी मनचाही फर्मों को ऊंचे रेट पर दिया जाना है जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान होगा
6) इस पूरे प्रकरण में एक ही समय पर 18 बिडो को खोलने का समय तय किया गया जो तकनीकी रूप से व्यावहारिक नहीं है
7) किसी भी फर्म को 5 तक निविदाएं आवंटित की जा सकती हैं इसलिए पहले पांच निविदाएं खोली जानी चाहिए उसके बाद दूसरी अन्य निविदाएं खोली जानी चाहिए, लेकिन यहां पर एक साथ 18 निविदाओं को खोला जाएगा
8) टैक्निकल मूल्यांकन का रिजल्ट जो अपलोड किया गया है उसमें जो फर्म डिसक्वालीफाई है उसके कारण नहीं दर्शाए गए हैं और ना ही मार्क्स अपलोड किए गए हैं जोकि आवश्यक है, और अधिकारी और ठेकेदार मिलकर धांधली कर रहे हैं
9) जो टेंडर हुआ है और जो RFP बनी थी वह कैबिनेट से अप्रूव हुआ था और पहली बार वही अपलोड हुआ था बाद में इसको मनमाने तरीके से अपनी मनचाही फर्मों को फायदा पहुंचाने के लिए बदला गया और कैबिनेट से अप्रूवल नहीं लिया गया