लखनऊ। समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में किसानों का मुद्दा उठाया। इस दौरान राम गोपाल यादव ने कहा कि मैं मांग करता हूं कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिवारों को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और उनके बच्चों को राज्य या केंद्र सरकार में सरकारी नौकरी दी जाए।
राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सपा सांसद प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने कहा कि पहले वह सिर्फ किसान के मुद्दे पर बात करने का सोच रहे थे, लेकिन अब वह स्वास्थ्य बजट के मुद्दे पर भी कुछ कहना चाहते हैं। सरकार का कहना है कि स्वास्थ्य बजट 137 प्रतिशत बढ़ा दिया गया। लेकिन असल में इसमें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को भी जोड़ लिया गया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए मात्र 75,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। जबकि ICMR को मात्र 2,700 करोड़ रुपए दिए गए। यह देश की जीडीपी का मात्र 0.05% है।
इस दौरान बोलते हुए राम गोपाल यादव कहा कि कई महीनों से किसान आंदोलन पर बैठे हुए है। कई किसानों की जान जा चुकी है, सर्दी की वजह से, भूख की वजह से। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी निर्देय हो गई है उसके ऊपर कोई असर नहीं हो रहा। कहा कि कानून को आप डेढ़ साल तक कानूनों को रोकने के लिए तैयार हैं तो आप उनको रिपील क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि आप इस सत्र में नए कृषि कानूनों को रिपील कर दीजिए, नए बिल लाइए उन्हें स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजिए और फिर उन्हें पास कर दीजिए। रामगोपाल यादव ने कहा कि अगर पहले ही नए कृषि बिलों को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा गया होता तो आज यह हालात नहीं होते।
कहा कि गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर सड़क खोदकर कंक्रीट की दीवारें बना दी गई हैं। उससे पहले कांटे लगाए गए है। कहा कि जो पार्लियामेंट की सुरक्षा से भी ज्यादा है। क्या किसान दिल्ली हमला करने आ रहे हैं ? उन्होंने कहा कि गाजीपुर पर जो सुरक्षा व्यवस्था है, वह पाकिस्तान बॉर्डर पर भी नहीं है। मैंने पाकिस्तान बॉर्डर देखा है।