लखनऊ : उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले एक दूसरे पर लगातार आरोप प्रत्यारोप किए जा रहे हैं। मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया तो सपा के चीफ अखिलेश यादव को यह नागवार गुजरा और सीधे मोदी पर विवादित बयान दे डाला। अखिलेश ने कहा कि बनारस में लोग अंतिम समय में ही आते हैं। अच्छा है वह दो दिन , तीन दिन जितने दिन हो सकें रहें। हालांकि इससे यूपी की सियासत गरम हो गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने यह कहकर हमला बोला कि अखिलेश को काशी विश्वनाथ धाम का गौरव रास नहीं आ रहा है। उन्हें जाकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करना चाहिए। वही उनको सद्बुद्धि देंगे। वहीं दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अखिलेश यह सोचते हैं कि यह उनके लिए बहुत अच्छा है लेकिन उनके इस तरह के बयानें से विधानसभा चुनाव में हिन्दू वोटर उनसे नाराज भी हो सकता है।
अखिलेश की अमार्यादित टिप्पणी से कितना होगा नुकसान
पीएम मोदी और अन्य भाजपा नेताओं को एक, दो या तीन महीने से अधिक समय तक रहना चाहिए, क्योंकि लोग अपने अंतिम दिन बनारस में जाकर रहते हैं। इस बीच, भाजपा के एक पदाधिकारी अमित मालवीय ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘अरुचिकर’ बयान देने के लिए अखिलेश यादव की आलोचना की। बीजेपी के नेता अमित मालवीय के अनुसार, समाजवादी पार्टी के 2022 में आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव हारने की आशंका है, यही वजह है कि अखिलेश इस तरह के बयान दे रहे हैं। डैमेज कंट्रोल मोड में, समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा कि अखिलेश यादव ने एक राजनीतिक टिप्पणी की और इसमें कुछ भी नहीं पढ़ा जाना चाहिए। यादव की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम के पहले हिस्से को समर्पित किए जाने के बाद आई है।
अखिलेश ने किया था दावा- विश्वनाथ कॉरिडोर सपा की देन
इससे पहले अखिलेश यादव ने दावा किया था कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मंजूरी दी गई थी। अन्य घटनाक्रमों में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सरयू नाहर राष्ट्रीय परियोजना के उद्घाटन ने एक टर्फ युद्ध शुरू कर दिया है, जिसमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर उनके काम का श्रेय लेने का आरोप लगाया है। जबकि केंद्र ने कहा कि परियोजना 1978 में शुरू हुई थी और धन की कमी और अंतर-विभागीय सहयोग के कारण चार दशकों के लिए रोक दी गई थी, पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान तीन-चौथाई काम पूरा हुआ।
सरयू नहर को लेकर अखिलेश ने किया था पलटवार
पीएम मोदी हाल ही में यूपी के कई दौरे कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने एसपी पर निशाना साधा था। वहीं अखिलेश यादव ने परियोजनाओं की नींव और उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं। जब पीएम मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया तो अखिलेश ने कहा था कि यह प्रोजेक्ट सपा सरकार ने शुरू किया था और बीजेपी इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। वहीं सरयू नहर परियोजना को लेकर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। सपा प्रमुख ने कहा था कि यह परियोजना भी उनके शासनकाल में शुरू की गई थी और भाजपा को रिबन काटकर श्रेय लेने की आदत है।
लाल टोपी पर भी मोदी- अखिलेश के बीच ठनी
इससे पहले गोरखपुर की रैली में पीएम मोदी ने लाल टोपी का हवाला देकर सपा पर निशाना साधा था। उनके इस बयान को पीएमओ ने भी पीएमओ इंडिया के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया था. उसमें कहा गया था, आज पूरा यूपी अच्छी तरह जानता है कि लाल बत्ती का संबंध लाल बत्ती से है, तुम्हारे दुखों से नहीं। लाल टोपी वाले लोग सत्ता चाहते हैं, घोटालों के लिए, तिजोरी भरने के लिए, अवैध व्यवसायों के लिए, माफिया को खुली लगाम देने के लिए: “लाल टोपी लोगों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर दया करने के लिए और जेल से छुड़ाने के लिए जेल से बाहर। इसलिए, याद रखें, यूपी के लिए रेड कैप यानी खतरे की घंटी के साथ रेड अलर्ट हैं।
मायावती ने काशी विश्वनाथधाम को लेकर बीजेपी पर कसा तंज
बीएसपी चीफ मायावती ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन का ऐलान करते हुए भाजपा और अन्य दलों पर जमकर निशाना साधा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले फेज के उद्घाटन का बिना नाम लिए मायावती ने कहा कि अधूरी परियोजनाओं के उद्घाटन से भाजपा को वोट आधार बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी। मायावती ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले यहां दूसरी पार्टियों से निष्कासित, निष्क्रिय और स्वार्थी लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करने से किया पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है।