REPORT–JAVED ARIF
अधिवक्ताओं ने बैठक कर महामहिम राष्ट्रपति को भेजा माँग-पत्रपार्टियों को चंदा देने वाले व्यक्तियां के नाम सार्वजनिक किए जाए
नोटबन्दी के सबसे अधिक चंदा भाजपा के खाते में आया
भाजपा के सहयोगी पूंजीपतियों ने काले धन को पार्टी फंड मंे जमा किया
रायबरेली(CNF)/ दीवानी न्यायालय रायबरेली के अधिवक्ताआं ने एक बैठक कर देश के महामहिम राष्ट्रपति को मांग-पत्र भेजकर राजनैतिक दलों के फंड को आयकर की परिधि में लाये जाने की मांग की। दलों के फंड को आयकर की परिधि में लाये जाने की मांग की। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओपी यादव ने महामहिम को भेजे गये मांग-पत्र में लिखा है कि बड़े-बड़े पूंजीपति अपना काला धन समायोजित करने के लिए राजनैतिक दलों के फंड में अपना पैसा जमा करते हैं। भाजपा इसमें सबसे आगे है। नोटबन्दी के बाद से भाजपा के फंड में कई सौ गुना की वृद्धि हुई है। मांग-पत्र में यह भी लिखा गया है कि चंदा देने वाले व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक किये जाये। राजनैतिक दल अपने फंड का आई.टी.आर. दाखिल करें। नोटबन्दी जीएसटी व लाकडाउन के समय जब आम जनता आर्थिक रूप से टूट चुकी है। एैसे समय में कई सौ गुना चंदे में वृद्धि देश के हर जिले में करोड़ों की लागत से बन रहे पार्टी कार्यालय यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा पूंजीपतियों एवं उद्योगपतियों को न केवल संरक्षण देती है वरन उनके कालेधन को समायोजित भी करती है। बैठक में बी.एल. यादव, जय सिंह, मनोज कुमार सिंह, पवन यादव, सुरेश चन्द्र यादव, श्रीमती मीना यादव आदि लोग उपस्थित थे।