रायबरेली ब्यूरो जावेद आरिफ
रायबरेली (CNF) / महराजगंज ब्लाक क्षेत्र के पुरासी गांव के कोटा चयन का मामला थंभने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि इस मामले में पराजित कोटेदार प्रत्याशी बंदना ने अपने समर्थकों के साथ पूरी मतदान प्रक्रिया को सिरे से खारिज करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय रायबरेली में आकर चयन प्रक्रिया को निरस्त कर किसी सक्षम और निष्पक्ष अधिकारी के समक्ष पुनः कोटे चयन की प्रक्रिया कराने की मांग की है।
आपको बता दें कि, विगत 20 फरवरी 2021 को पुरासी गांव में मतदान प्रक्रिया को एडीओ पंचायत जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत के पंचायत भवन में संपन्न कराई गई थी। अधिकारियों का कहना है कि, कुल 849 लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया था। मतगणना के बाद कविता मिश्रा को 429 मत प्राप्त हुए थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंदी वंदना को महज 420 मत ही प्राप्त हुए थे, और अधिकारियों ने कविता मिश्रा को विजेता घोषित कर दिया था।
घोषणा के पश्चात गांव में वंदना के समर्थकों में रोष व्याप्त हो गया था, और ग्रामीणों ने मतदान प्रक्रिया में धांधली बरतने का आरोप लगाते हुए, हो हल्ला किया था। जानकार बताते हैं कि, पुरासी गांव का इतिहास रक्तरंजित रहा है। जिससे संभावित बवाल को देखते हुए थानाध्यक्ष धीरेंद्र यादव ने चौकसी बरतते हुए स्वयं देर रात तक भारी पुलिस बल के साथ गांव में ही कैंप किया था। उधर बुधवार को पराजित प्रत्याशी बंदना अपने समर्थकों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय रायबरेली पहुंची, और जिलाधिकारी को संबोधित 9 सूत्रीय ज्ञापन उनके कार्यालय में सौंपा, तथा मांग की है कि, चयन प्रक्रिया में मौके पर गए अधिकारी चयनित की गई कोटेदार के पक्ष से मिले हुए थे, और एक तरफा कार्यवाही करते हुए उनके समर्थको, लोगों को वोटर आईडी, आधार कार्ड दिखाने के बावजूद मतदान नहीं करने दिया। जबकि दूसरे पक्ष की ओर से नाबालिक बच्चों के साथ साथ दूसरे गांव के लोगों से भी मतदान करा लिया गया।
इसके अतिरिक्त कई और खामियां करके दूसरे पक्ष को जिता दिया गया। जिससे अधिकांश गांव वासी संतुष्ट नहीं है। लोगों में जन आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने डीएम वैभव श्रीवास्तव से मांग की है कि, उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की बिंदुवार जांच करा कर संपन्न कराई गई चयन प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे से किसी निष्पक्ष और सक्षम अधिकारी की देखरेख में फिर से नियमानुसार मतदान कराया जाए, अन्यथा गांव सभा के हजारों निवासी इस लड़ाई को लोकतांत्रिक ढंग से उच्च स्तर तक ले जाएंगे।
इस मौके पर चंद्र प्रकाश मिश्रा, सत्येंद्र सिंह, बबीता देवी, संगीता, राधा, अर्चना, नीलू, राजेंद्र शर्मा, सत्यम पांडे, राजू, शैलेंद्र, इबरार मोहम्मद, राज, बाबू, सत्यम दुबेदी, उत्तम दुबेदी, बृजमोहन, बृज किशोर मिश्रा, आनंद कुमार, सत्रोहन, अमर बहादुर, प्रहलाद, रमाकांत, रामकिशोर, मंसाराम, सुनील कुमार, रामकेवल, विमल कुमार, श्रीनारायण, संतोष कुमार, दिनेश कुमार, सूर्य प्रसाद, जगन्नाथ सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।