गोरखपुर(CNF) /

भारतीय हैंडबॉल संघ के कार्यकारी निदेशक व यश भारती पुरस्कार से पुरस्कृत डॉक्टर आनंदेश्वर पांडे ने गोरखपुर में हैंडबॉल कोर्ट का किया उद्घाटन

शरीर माद्यम् खलु धर्म साधनम् ” महान विद्वान कालिदास ने ठीक ही कहा है कि सभी प्रकार के कर्तव्य पालन का प्रथम साधन शरीर ही है । इसीलिए कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है । उक्त बाते ‘ आत्मदीप विद्यालय के पाँचवे स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि ‘ डॉ 0 आनन्देश्वर पाण्डेय ‘ , भारतीय हैण्डबॉल के कार्यकारी निदेशक व ‘ यश भारती पुरस्कार से सम्मानित ने कही । इसी क्रम में उन्होंने कहा कि खेल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है जिससे दूर रहना अस्वस्थता को निमंत्रित करना होता है । इसके साथ ही उन्होंने आत्मदीप विद्यालय के प्रांगण में नवनिर्मित हैण्डबॉल ‘ कोर्ट का भी उद्घाटन किया । खेलने से मनुष्य में सामूहिक रूप से कार्य करने की भावना का विकास होता है । खेलने से परस्पर सहयोग , साहस , सहानुभूति , संगठन , अनुशासन जैसे महान चारित्रिक गुणों का समुचित विकास होता है ।
प्रवीण सिंह , समन्वयक , हैण्डबॉल , भारतीय रेल मंत्रालय ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि खेलकूद से बच्चों में सद्भावनापूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है । इसीलिए तो कहा जाता है कि ” स्वस्थ शरीरे बुद्धयः प्रस्फुरन्ति । ”
इस अवसर पर डॉ आनंदेश्वर पांडे का भव्य स्वागत किया गया ।दीप प्रज्वलन के बाद बच्चों ने मां सरस्वती की वंदना करने के बाद अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए और
रेलवे की हैंडबॉल टीम ने एक औपचारिक मैच भी खेला ।

समारोह में आगत अतिथियों सूचनालंत्र के प्रतिनिधियों अभिभावकों गणमान्य नागरिकों एवं उपस्थिति छात्र – छात्राओं तथा शिक्षक – शिक्षिकाओं के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए ‘ आत्मदीप विद्यालय के निदेशक ‘ संकर्षण त्रिपाठी ने कहा कि धर्म मानव का आत्मिक पक्ष है , तो विज्ञान शारीरिक । धर्म के द्वार हृदय की ओर खुलते हैं और विज्ञान मस्तिष्क के कपाटों को खोल देता है । श्री त्रिपाठी का मानना था कि विज्ञान की प्रवृत्ति विश्लेषणात्मक और तथ्यपरक होती है । धर्म से जहाँ मानव मूल्यों , संस्कृति , ज्ञान और विद्या का उदय होता है , तो विज्ञान अंध विश्वासों , पाखण्डों , भ्रांतियों और किंवदंतियों के गहन अंधकार को तर्क परीक्षण और शोध के प्रखर प्रकाश से दूर करता है । इस विद्यालय की स्थापना भी इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किया गया है । आप सभी के सहयोग से यह विद्यालय अपने अभीष्ट को प्राप्त करने की दिशा में सतत् अग्रसर रहेगा , ऐसा हमारा अटूट विश्वास है ।
समारोह को सफल बनाने में डॉ ० त्रिलोक रंजन श्रीवास्तव , आदित्य दीक्षित ‘ , संयुक्त सचिव . भारतीय हैण्डबॉल -श्री प्रवीण सिंह संघ • आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।

 

30790cookie-checkभारतीय हैंडबॉल संघ के कार्यकारी निदेशक ने गोरखपुर में हैंडबॉल कोर्ट का किया उद्घाटन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Call Now ButtonFor Query Call Now