नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन मार्क 1ए को राष्ट्र को समर्पित करने के कुछ दिनों बाद, रक्षा मंत्रालय आज यानि मंगलवार को भारतीय सेना को 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक के इन टैंकों के अधिग्रहण की मंजूरी देगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में यह स्पष्ट किया था कि 118 अर्जुन मार्क 1ए युद्धक टैंकों को भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।
क्षा सूत्रों ने बताया कि, ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने की उपस्थिति में होने वाली कर्मचारी परिषद की बैठक में रक्षा मंत्रालय इस प्रस्ताव पर विचार करेगा।’ इन टैंकों को भारतीय सेना और डीआरडीओ के समन्वय से डिजाइन और विकसित किया गया है।
ये 118 टैंक 124 अर्जुन टैंकों के पहले बेड़े में शामिल होंगे जिन्हें सेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है और वर्तमान में वह पाकिस्तान के मोर्चे पर पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात हैं। 118 अर्जुन टैंक भी 124 टैंकों की तरह भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में दो रेजिमेंट बनाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि सेना ने टैंक रेजिमेंट के गठन के लिए आवश्यक टैंकों की संख्या कम कर दी है और इसीलिए वर्तमान खेंप में दो रेजिमेंटों के लिए पिछले आदेश की तुलना में छह टैंक कम हैं।
गौरतलब है कि डीआरडीओ सशस्त्र बलों में स्वदेशी हथियार प्रणालियों के स्तर को बढ़ाने के लिए पिछले कुछ समय से अर्जुन मार्क 1ए टैंको को विकसित कर रहा है। अर्जुन टैंकों को को DRDO के कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (CVRDE) डिजाइन किया है।
टैंक की खासियतें
.इन टैंकों के नये वर्जन को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। इन टैंकों में फायर पावर बढ़ाई गई है। इसके अलावा ये अपने लक्ष्य को खुद ही तलाश कर सकते हैं।
. ये टैंक लगाताक हिलने वाले लक्ष्यों को भी भेद सकते हैं। इसके अलावा लैंड माइंस से भी आसानी से बच कर आगे बढ़ सकते हैं। इन पर ग्रेनेड और मिसाइल के हमले का कोई असर नहीं होगा।
. टैंकों को केमिकल अटैक से बचाने के लिए इनमें स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं।