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जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को भेजा शिकायती पत्र
कलेक्ट्रेट पर धरना देते पीड़ित।
फतेहपुर। लेखपाल व कानूनगो पर रिश्वत मांगने का आरोप मढ़ते हुए पीड़ितों ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। धरने के पश्चात पीड़ितों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी को सौंपकर लेखपाल व कानूनगो को निलंबित किए जाने व विपक्षियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई है।
बिंदकी तहसील क्षेत्र के औसेरीखेड़ा गांव निवासी ननका पुत्र राजाराम, मुंशीलाल पुत्र भान, प्यारेलाल पुत्र शिवबक्श, पुत्तीलाल पुत्र राम सजीवन ने लेखपाल व कानूनगो की मनमानी से क्षुब्ध होकर कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। धरने के दौरान पीड़ितों ने बताया कि उसकी कृषि भूमि पर दबंग रामखेलावन व राम बहादुर पुत्रगण दर्शन ने जबरन कब्जा कररखा था। उन्होने एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया। एसडीएम बिंदकी ने भूमि की पैमाइश करने का आदेश दिया। कई बार लेखपाल व कानूनो से मिले और पूर्व में तेरह हजार रूपए की मांग की। चार माह पूर्व आठ हजार रूपए लेखपाल को दिए। लेखपाल व कानूनगो विपक्षी रामखेलावन व राम बहादुर से मिल गए। लेखपाल व कानूनगो ने आठ हजार रूपए वापस कर दिए और कहा कि इतने कम कर दिए बीस हजार रूपए का इंतजाम करो। पीड़ितों ने बताया कि कई बार उच्चाधिकारियों को भी प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 24 सितंबर को मुख्यमंत्री दरबार की भी गए। तब भी पैमाइश नहीं हुई। बताया कि बाइस अक्टूबर को जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने का ऐलान किया। प्रशासन के आश्वासन देने पर उन्होने आत्मदाह नहीं किया। सोलह अक्टूबर को थाने बुलाया गया। जहां लेखपाल व कानूनगो ने फर्जी मुकदमा में फंसाने की धमकी दी। पच्चीस अक्टूबर को फिर डीएम, एसडीएम व तहसीलदार को प्रार्थना पत्र दिया इसके बावजूद भूमि की नाप नहीं की गई। सीएम से मांग किया कि लेखपाल व कानूनगो को निलंबित करते हुए विपक्षियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। जिससे उन्हें न्याय मिल सके।