प्रयागराज : प्रयागराज माघ मेला 2022 में पांटून पुल तैयार करने में जुटा श्रमिक हादसे का शिकार हो गया। पांटून पुल बनाते समय वह मंगलवार की सुबह गंगा नदी में डूब गया। यह देख वहां काम कर रहे अन्य श्रमिकों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हाे सके। सूचना पर दारागंज थाने की पुलिस पहुंची। एसडीआरएफ की टीम डूबे श्रमिक काे ढूंढने का प्रयास कर रही है। इस घटना से आक्रोशित श्रमिकों ने पांटून पुल का निर्माण कार्य रोक दिया है। वे श्रमिक के परिवार को मुआवजा की मांग कर रहे हैं। माघ मेला के अफसर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों प्रयागराज में गंगा, यमुना की रेती पर माघ मेला बसाने की तैयारी तेज है। इसी क्रम में गंगा नदी पर पीपे का पुल भी बनाया जा रहा है। इन्हीं में से एक गंगोली शिवाला पांटून पुल भी तैयार किया जा रहा है। इसे बनाने में कई मजदूर जुटे हैं। इन्हीं में से एक झूंसी थाना के नई झूंसी निवासी लल्लू निषाद का 28 वर्षीय पुत्र अरुण निषाद भी था।
अरुण निषाद मंगलवार की सुबह अन्य श्रमिकों के साथ गंगोली शिवाला पांटून पुल के निर्माण में जुटा था। करीब साढ़े नौ बजे वह पीपा पर चढ़कर काम कर रहा था। उसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह गंगा नदी में गिर गया। प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक गंगा में गिरने के बाद अरुण ने कुछ दूर तैर कर निकलने का प्रयास किया। हालांकि तेज बहाव की वजह से वह सफल नहीं हो सका और नदी में समा गया।
एसडीआरएफ टीम श्रमिक को ढूंढ रही है
उसे नदी में डूबता देख साथी श्रमिकों ने बचाने का असफल प्रयास किया। इसकी सूचना पाकर दारागंज थाने की पुलिस पहुंची। तत्काल एसडीआरएफ टीम को बुलाया गया। एसडीआरएफ टीम के सदस्य अरुण की गंगा की तेज धारा में तलाश कर रहे हैं। हालांकि अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है।
दो मासूम बेटियों संग पहुंची श्रमिक की पत्नी
उधर हादसे की जानकारी मिलने पर अरुण की पत्नी कुंजन के साथ रोते-बिलखते परिवार के अन्य सदस्य भी वहां पहुंचे। अरुण की दो बेटियां नन्हा और जिया हैं। हादसे के बाद श्रमिकों ने पांटून पुल का काम बंद कर दिया है। वे अरुण के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। अधिकारी भी पहुंच गए हैं। वे लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।