प्रयागराज : प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) के जूनियर डाक्टरों की हड़ताल आज भी जारी है। जूनियर डाक्टरों ने अपनी मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस हड़ताल की वजह से वे न इमरजेंसी में गए और न ही वार्ड की व्यवस्था ही देखी। इससे अस्पताल में सीनियर डाक्टरों के भरोसे रोगियों को किसी तरह राहत मिल पा रही है। ऐसे में अगर आप भी अपने मरीजों को लेकर यहां आ रहे हैं तो ध्यान रखें कि कहीं आपको परेशानी न झेलनी पड़े।
जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से अब एसआरएन अस्पताल के वार्ड खाली होने लगे हैं। पुरानी बिल्डिंग के वार्ड में अधिकांश पलंग पर मरीज नहीं हैं। मेडिसिन इमरजेंसी में भी रोगियों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा कम है। हड़ताल से सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों की हो रही है, जो 100 किलोमीटर या इससे भी अधिक दूरी से इलाज कराने के लिए सैकड़ों रुपये खर्च करके अस्पताल आ रहे हैं।
हाइड्रोसिल का आपरेशन कराने के लिए खीरी से आए श्रीनिवास सिंह ने बताया कि एक बार आने-जाने में 800 रुपये खर्च हो जाते हैं। क्योंकि उन्हें तकलीफ के चलते बस में तीन सवारियों की एक पूरी सीट बुक कराकर आना पड़ता है। यहां अस्पताल आने पर इलाज नहीं हो रहा है। वहीं शंकरगढ़ से आए घनश्याम द्विवेदी ने बताया कि एक सप्ताह पहले आए थे और आज भी आए लेकिन डाक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं। भर्ती भी नहीं किया जा रहा है। बताया कि स्टोन का आपरेशन कराना है लेकिन बैरंग लौटना पड़ रहा है।
जूनियर डाक्टर अपनी मांगाें को लेकर अब आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। अपने कुल पाठ्यक्रम की पढ़ाई में एक महीने का नुकसान कर चुके डाक्टरों का कहना है कि कभी हम पर फूल बरसाए गए थे और अब सरकार ही ध्यान नहीं दे रही है। सभी चिकित्सा सेवाओं से कार्य बहिष्कार करके जूनियर डाक्टर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
राष्ट्रीय पदाधिकारियों पर कार्रवाई से आया उबाल
जूनियर डाक्टरों के आंदोलन में उबाल दिल्ली में फोर्डा के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर पुलिस कार्रवाई के बाद आया। जबकि इससे पहले डाक्टरों का आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा था और इमरजेंसी सेवाएं बाधित नहीं थीं। जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अनवर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि हड़ताल ऐसे ही जारी रहेगी। वार्ड, इमरजेंसी, आपरेशन थिएटर या अन्य किसी भी चिकित्सा सेवा में नहीं जाएंगे।