लखनऊ (CNF) / पेशे से डॉक्टर पूनम गौतम अब डिप्टी कलेक्टर बन गई हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ पूनम गौतम लखनऊ में रहती हैं। घर, परिवार और ऑफिस की जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए पूनम ने यूपीपीसीएस 2019 में बड़ी कामयाबी हासिल की है। पूनम को पीसीएस 2019 में तीसरी रैंक मिली है। उन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली है। पति डॉ. शोनेंद्र कुमार भी डॉक्टर हैं। सिविल सर्विसेस की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को सफलता का मंत्र देते हुए पूनम कहती हैं कि लक्ष्य साध कर पढ़ाई करेंगे तो निश्चित कामयाबी मिलेगी। आइए जानते हैं पूनम की सफलता की कहानी।
महिलाओं में टॉप पर रहीं पूनम गौतम
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने बीती 17 फरवरी को पीसीएस 2019 का फाइनल रिजल्ट घोषित किया था। मथुरा के विशाल सारस्वत ने पीसीएस परीक्षा 2019 में पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं, प्रयागराज के नैनी के युगांतर त्रिपाठी दूसरे स्थान पर रहे हैं, जबकि तीसरे स्थान पर राजधानी लखनऊ की पूनम गौतम रही हैं। लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाली पूनम गौतम ने महिलाओं में टॉप किया है। वह एसडीएम के लिए चयनित हुई हैं।
सिविल सेवा में जाने का क्यों बनाया मन ?
पूनम ने कानपुर देहात से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद 2011 में एमबीबीएस की पढ़ाई मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज से पूरी की। इसके बाद साल 2015 में केजीएमयू से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पूनम बताती हैं कि कई बार ऐसी स्थिति आंखों के सामने आई जब बेटी के पैदा होने पर परिवार के लोग गमगीन हो जाते थे और बेटे के होने पर उत्साहित हो जाते थे। यहीं से उन्होंने सिविल सेवा की तरफ जाने का मन बना लिया। शादी के बाद उनके पति और सास ने उनका पूरा सपोर्ट किया, जिससे उन्हें सफलता मिली।
सफलता पाने के लिए पूनम ने ऐसे की मेहनत
पूनम बताती हैं कि वे मरीजों को देखने के बाद रोजाना छह से आठ घंटे की पढ़ाई करती थीं। तैयारी के लिए आप्शनल पेपर मेडिकल साइंस लिया था। मेडिकल का बैक ग्राउंड था, इसलिए पढ़ाई आसान रही। वह रात में भी पढ़ती थीं। तीसरे प्रयास में ही पीसीएस टॉप कर पूनम ने तीसरी रैंक हासिल की। वह कहती हैं कि वह सिविल सेवा में आकर बेटे और बेटियों के बीच के भेदभाव को मिटाने के लिए काम करेंगी।