गोरखपुर(CNF)
गोरखपुर/शनिवार की दोपहर शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान का बाघ (टाइगर), तेंदुआ (लेपर्ड), साही और कछुआ का बाड़ा भी आबाद हो गया। नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान लखनऊ से मादा बाघिन मैलानी, मादा तेंदुआ नन्दा और एक नर एवं एक मादा साही गोरखपुर प्राणी उद्यान आए। इसके अलावा घड़ियाल पुर्नवास केंद्र उत्तर प्रदेश लखनऊ से 9 कछुए (टर्टल) भी प्राणी उद्यान कछुए के बाड़े में पहुंचे। इन सभी वन्यजीव का प्राणी उद्यान में उल्लास के साथ निदेशक डॉ एच राजा मोहन ने अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ स्वागत किया।
इसके पूर्व विनोद वन से प्राणी उद्यान में 2 नर चितल (स्पाटेड डियर), एक नर एवं एक मादा पाढ़ा (हॉग डियर) पहुंच चुके थे। शनिवार को लखनऊ से आए वन्यजीवों को वरिष्ठ वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ पशु चिकित्सक डॉ आर के सिंह की निगरानी में सभी वन्यजीव को उनके बाड़े में प्रवेश कराया गया। केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण की गाइड लाइन के मुताबिक इन्हें उनके बाड़े में ही क्वारंटीन रखा गया है। वन्यजीव को लेने के लिए गोरखपुर प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ योगेश प्रताप सिंह शुक्रवार को वन मंत्री दारा सिंह चौहान के दौरे के तत्काल बाद ही रवाना हो गए थे। लखनऊ प्राणी उद्यान के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि गोरखपुर के नवनिर्मित जू में इसी हफ्ते वन्यजीव भेजे जाएंगे। इसके लिए वन्यजीव चिकित्सकों की टीम तैयार है। फिलहाल लखनऊ प्राणी उद्यान से प्रथम चरण में कुल 44 वन्यजीव लाए जाने हैं। प्राणी उद्यान की कार्यदायी संस्था के राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर अवर अभियंता डीबी सिंह कहते हैं कि यह प्राणी उद्यान के लिए एतिहासिक क्षण हैं।
सोमवार को आएंगे ये वन्यजीव
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ से पहले चरण में लाए जाने वाले वन्यजीव में काले हिरन 7(4 नर व 3 मादा), जंगली बिल्ली 1(मादा), बारासिंघा 4 (2 नर 2 मादा), पाढ़ा 2(1 नर 1 मादा) 15 फरवरी को गोरखपुर आएंगे।
बुधवार को आएंगे ये वन्यजीव
लाखनऊ से ही बुधवार को सियार 2 (1 नर व 1 मादा), काकड़ 6 (3 नर व 3 मादा), रसल वाइपर 2 (1 नर व 1 मादा), अजगर 4 (2 नर 2 मादा), घड़ियाल 2 (1नर व 1 मादा) को गोरखपुर आएंगे।
विनोद वन में पिजड़े में नहीं आया कोई हिरण
विनोद वन से शनिवार को कोई वन्यजीव प्राणी उद्यान नहीं आया। इन मिनी जू में संरक्षित हिरण को पकड़ने के लिए यहां पांच पिजड़े रखे गए हैं। लेकिन दो चीतल और दो पाढ़ा के पिजड़े में पकड़ कर प्राणी उद्यान लाए जाने के बाद शेष बचे हिरण भयभीत है। इसलिए पिजड़े में खाना रखे जाने के बाद भी नहीं जा रहे हैं। फिलहाल विनोद वन में अब 9 की संख्या में चितल और पाढ़ा शेष हैं। इसके अलावा 4 मोर और बड़े बक्शे में बंद 03 अजगर, पिजड़े में रखे रोज रिंग पैराकीट भी प्राणी उद्यान लाए जाएंगे।
खीरी से रेस्क्यू की गई थी मैलानी
मादा बाघिन मैलानी को 26 फरवरी 2013 को मैलानी (खीरी) से रेस्क्यू कर नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ लाया गया। उस वक्त मैलानी की उम्र 5 से 7 माह थी। उसके बाएं पैर में गंभीर घाव था लेकिन उद्यान के पशु चिकित्सकों ने उपचार कर उसे ठीक कर दिया। मैलानी अब स्वस्थ्य है।
इन्होंने किया मैलानी और नन्दा का स्वागत
प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच राजा मोहन, मुख्य वन संरक्षक गोरखपुर मण्डल भीमसेन, डीएफओ अविनाश कुमार, पशु चिकित्साधिकारी डॉ आरके सिंह, योगेश प्रताप सिंह, राजकीय निर्माण निगम से अवर अभियंता डीबी सिंह, उप प्रभागीय वन अधिकारी संजय मल्ल, उप राजिक अजय तिवारी, चंद्रभूषण पासवान, वन दरोगा रोहित सिंह, वन्य जीव रक्षक शैलेश कुमार गुप्ता, नीरज सिंह, आरएनएन से राजू गुप्ता, नीरज सिंह समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।