गोरखपुर(CNF)/ कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले 11 महीने से बंद पड़ी पैसेंजर और डेमू-मेमू ट्रेन एक बार फिर से पटरियों पर दौड़ेगी। पूर्वोत्‍त्‍र रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 32 रूटों का प्रस्ताव बनाकर भेज गया है, जिस पर ट्रेन चलाने की अनुमति मिल गई है। हालांकि, इन ट्रेनों को किस तारीख और किस रूट पर चलाया जाएगा इसकी तैयारी अभी की जा रही है। जल्दी ही इन ट्रेनों का टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगा।

पूर्वोत्‍त्‍र रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि इन ट्रेनों का मार्च के प्रथम सप्ताह चलाया जा सकता है। साथ ही कोरोना को ध्यान में रखते हुए सभी प्रोटोकॉल का पालन भी किया जाएगा। साल 2020 में 22 मार्च को लॉकडाउन के बाद से ही इन ट्रेनों का संचलन पूरी तरह से बंद रहा है। 11 माह बाद इन ट्रेनों का संचलन मार्च के पहले सप्‍ताह से शुरू करने की कवायद पर काम तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि एक से दो दिनों में तारीख और रूट पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।

इन ट्रेनों का चलाने का भेजा प्रस्ताव

तीनों मण्डलों के 32 डेमू-मेमू और सामान्य पैसेंजर ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भेजा था। एनईआर ने जिन ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव दिया है, उनमें गोरखपुर-गोण्डा, गोरखपुर-नौतनवा, गोरखपुर-बाराबंकी, सीतापुर-मैलानी, गोरखपुर-सीवान और गोरखपुर-छपरा पैसेंजर शामिल है। ये ट्रेनें बीते 23 मार्च से लॉकडाउन के समय से ही निरस्त चल रही हैं। संभावना जताई जा रही है कि ये ट्रेनें एक मार्च से पटरी पर दौड़ने लगेगी।

इन स्टेशनों के बीच दौड़ेगी ट्रेन

लखनऊ मण्डल में गोरखपुर-गोण्डा, गोरखपुर-नौतनवा, गोरखपुर-बढ़नी, गोरखपुर-बाराबंकी, गोण्डा-बाराबंकी, लखनऊ-मैलानी के बीच इन ट्रेनों का संचलन होगा। वहीं, वाराणसी मण्डल में गोरखपुर-छपरा, गोरखपुर-सीवान, गोरखपुर-नरकटियागंज, भटनी-सीवान, इज्जतनगर मण्डल में कासगंज-मथुरा, कासंगज-फरुखाबाद, बरेली सिटी-काशीपुर तक ट्रेन का संचलन होगा। इसमें 23 पैसेंजर, आठ डेमू और एक मेमू शामिल है।

ट्रेनों के संचालन से नौकरीपेशा और छात्रों का होगा फायदा

इन ट्रेनों के संचालन से नौकरीपेशा और छात्रों को सर्वाधिक फायदा होगा। अभी नौकरीपेशा और मजदूरों को एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए या तो बस का सराहा लेना पड़ता है या फिर निजी साधन का प्रयोग करते हैं। ये दोनों ही साधन ट्रेन टिकट से कई गुना अधिक है। मसलन अगर गोरखपुर से सीवान तक ट्रेन का टिकट 50 रुपये है तो बस से 150 रुपए और निजी साधन से यही 250 रुपए तक पड़ जाता है। ऐसे में पैसेंजर और डेमू-मेमू के चलने से रोजाना यात्रा करने वाले नौकरीपेशा और छात्रों के लिए काफी सहूलियत होगी।

देना होगा दो से चार गुना अधिक किराया

कोरोना बाद से बंद चल रही इन ट्रेनों को चलाने के लिए रेवले बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। ऐसे में इन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को राहत जरूर मिलेगी। लेकिन, इन ट्रेनों को एक्‍सप्रेस की तर्ज पर चलाया जाएगा, जिसकी वजह से यात्रियों को थोड़ी और जेबें ढीली करनी होगी। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को उन्‍हें एक्‍सप्रेस ट्रेन का किराया देना होगा। यानी पैसेंजर ट्रेनों में यात्रा करने के लिए यात्रियों को पैसेंजर ट्रेनों के मुकाबले दो-चार गुना किराया देना होगा।

39680cookie-checkगोरखपुर: पैसेंजर और डेमू-मेमू ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को देना होगा एक्‍सप्रेस का किराया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
For Query Call Now