कानपुर(CNF)

सुशील कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

यूपी एसटीएफ ने ऐसे गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ा है जो कछुओं की अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करते हैं। इनके पास से तकरीबन विभिन्न प्रजातियों के तेरह सौ कछुए बरामद हुए हैं। इन कछुओं को शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

एसटीएफ की कानपुर इकाई के पुलिस उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह ने रविवार को यह बताया कि देर रात को चकेरी राज्यमार्ग पर चेकिंग के दौरान एक कंटेनर को रोका। इसमें सवार दो युवकों को हिरासत में लेकर कंटेनर की तलाशी ली गई, जिसमें विभिन्न प्रजातियों के 1300 कछुए बरामद हुए। आरोपितों सहित कंटेनर को चकेरी थाने लाया गया। यहां पूछताछ पर पकड़े गए अभियुक्तों ने अपने नाम मैनपुरी निवासी रामब्रेश यादव और विनेद कुमार सविता बताया है। जुर्म स्वीकार कर बताया कि बरामद इन कछुओं की अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करते हैं। इसके लिए उन्हें मोटी रकम मिलती हैं।

शक्ति वर्धक दवा के लिये आता है उपयोग

एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि भारत में कछुआ की पाई जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियां यूपी में पायीं जाती है। इनमें 11 प्रजातियों का अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अवैध व्यापार किया जाता है। यह अवैध व्यापार जीवित कछुआ के मांस व कैलपी (छिल्ली) को सुखाकर शक्ति वर्धक दवा के लिये उपयोग किया जाता है। कछुआ को साफ्ट सेल (मुलायम कवच) तथा हार्ड सेल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती, घाघरा आदि नदियों उनकी सहायक नदियों और तालाबों में यह दोनों प्रकार के कछुए भारी मात्रा में पाये जाते हैं।

13030cookie-checkकानपुर(CNF): दो तस्कर गिरफ्तार, 13 सौ कछुए बरामद अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर की जाती है कछुओं की तस्करी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
For Query Call Now