कानपुर : मनीष हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम को मनीष के दोस्त प्रदीप के बयान दर्ज करने के दौरान घटना की रात सोते रहने की बात गले नहीं उतर रही है। टीम अब उनके बयान की जांच करेगी। सीबीआइ भी यह सोच रही है कि जिस होटल के कमरे में मनीष को पीटा जा रहा हो, उसी कमरे में कोई कैसे इतनी गहरी नींद में सो सकता है।

बर्रा तीन निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता दो दोस्तों हरबीर और प्रदीप के साथ 27 सितंबर को गोरखपुर गए थे, जहां रामगढ़ताल क्षेत्र के कृष्णा होटल के एक कमरे में ठहरे थे। देर रात पुलिस चेकिंग करने के नाम पर मनीष को बर्बरता से पीटने लगी, जिससे उनकी मौत हो गई थी। घटना की जांच कर रही सीबीआइ ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता, उनके ससुर, पिता, दोस्तों सहित कई लोगों के बयान दर्ज किए थे, लेकिन पूरी घटना में दोस्त प्रदीप का बयान कुछ ऐसा था जो गले नहीं उतरा।

प्रदीप ने बताया कि वह कानपुर से कार चलाकर गोरखपुर गया था। दिनभर की थकान के बाद रात को होटल कमरे में पहुंचा तो सो गया था। उसके बाद उसे कुछ भी होश नहीं। देर रात हरबीर ने उसे जगाया और मनीष की पुलिस पिटाई से मौत की जानकारी दी। अब सीबीआइ भी सोच में पड़ गई है कि होटल के एक छोटे से कमरे में अगर पुलिस मनीष को बर्बरता पीट रही थी तो क्या कोई इतनी गहरी नींद में भी सो सकता है कि उसे आवाज भी नहीं सुनाई दे रही थी। हकीकत जानने के लिए सीबीआइ प्रदीप के बयान की जांच करने की तैयारी कर रही है।
332860cookie-checkकानपुर : मनीष हत्याकांड : सीबीआइ के गले नहीं उतर रहा दोस्त का बयान, जांच करके खोजेगी हकीकत
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