कानपुर। कल्याणपुर थानाक्षेत्र के डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट के फ्लैट में पत्नी, बेटे व बेटी की हत्या के बाद गायब डॉक्टर सुशील कुमार का एक जुड़वा भाई भी है और वो भी डॉक्टर है। बड़े भाई की बात पर यकीन करें तो दोनों जुड़वा भाइयों के विचार कभी नहीं मिले। वहीं दो दिन बाद भी पुलिस गायब डॉक्टर का पता नहीं लगा सकी है। वहीं डॉक्टर की पत्नी का मायका भी कानपुर के लालबंगला क्षेत्र में है और जिस स्कूल में वो प्रधनाध्यापिका थीं, वहां उनके शिष्य कहते हैं कि मैडम बहुत अच्छे स्वभाव की थीं। उनकी हत्या पर विद्यालय के बच्चे भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं तो ग्रामीण भी आश्चर्य जता रहे हैं कि अाखिर उनकी हत्या क्यों कर दी गई।

क्या हुई थी घटना

कल्याणपुर के इंदिरा नगर स्थिति डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट की पाचवीं मंजिल पर फ्लैट में डाक्टर सुशील कुमार, पत्नी चंद्रप्रभा, बेटी खुशी और बेटे शिखर के साथ रहते थे। शुक्रवार की सुबह पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या के बाद डॉक्टर फरार हो गए थे। तीनों के शव अलग-अलग कमरों में पड़े मिले थे। घटना की जानकारी तब हुई जब शाम 5:32 बजे सुशील ने आवास विकास-3 निवासी भाई डाक्टर सुनील को मैसेज करके पुलिस को सूचना देने की बात कही। इसके बाद पुलिस अपार्टमेंट में पहुंची शव बरामद कर फ्लैट सील कर दिया। पुलिस गायब डॉक्टर की तलाश कर रही है।

रामा मेडिकल कालेज में फोरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुशील कुमार तीन भाइयों मझले हैं। उनका एक जुड़वा भाई डॉ. सुनील हैं, जो उनसे सिर्फ पांच मिनट छोटे हैं। दोनों के बड़े भाई अमृत लाल हैं। डॉ. सुनील ने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले भाई सुनील ने अवसाद ग्रस्त होने और पत्नी को मार डालने की इच्छा उत्पन्न होने की जानकारी दी थी। वहीं पुलिस को घटनास्थल पर मिले नोट्स में भी सुशील के अवसादग्रस्त होने की बात सामने आई है।

आइआइटी में फेल होने पर दोबारा किया इंटरमीडिएट

डॉ. सुशील के बड़े भाई अमृतलाल कल्याणपुर के आवास विकास-तीन में परिवार के साथ रहते हैं। अमृत लाल ने बताया कि सुशील बचपन से ही ज्यादा किसी से कोई बात नहीं करता था। मंझले सुनील से सुशील के विचार नहीं मिलते थे। इंटरमीडिएट में सुनील ने गणित विषय चुना था तो सुशील ने बायोलाजी ली थी। सुशील एमबीबीएस की तैयारी करके चयनित हुआ और जीएसवीएम मेडिकल कालेज में दाखिला लिया। यहीं से मास्टर डिग्री भी की और मेडिकल कालेज में फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष हुए।

पोस्टमार्टम हाउस के भी प्रभारी रहे। पेंशन स्कीम समाप्त होने के बाद यहां नौकरी छोड़ दी थी और रामा मेडिकल कालेज में फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष हो गए। सुनील पहले आइआइटी की तैयारी कर रहा था, सफल न होने पर बायोलाजी से दोबारा इंटरमीडिएट करके एमबीबीएस करके डाक्टर बना।

323540cookie-checkकानपुर। पत्नी, बेटी की हत्या के बाद गायब पति का एक जुड़वा भाई, आइआइटी में सेलेक्शन न होने पर बने डॉक्टर
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