दुनिया की सबसे सुपर पावर अमेरिका जल, थल और वायु में सबसे खतरनाक हथियारों से सजी सेना है। दुनिया के सबसे घातक हथियारों से लैस अमेरिका एटम बम का भी इस्तेमाल कर चुका है। लेकिन अब अमेरिका अपनी इस ताकत को और ज्यादा बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इसलिए अमेरिका ने अपने रक्षा बजट को और ज्यादा बढ़ाने का ऐलान किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) पर हस्ताक्षर कर उसे कानून की शक्ल दे दी। इस कानून के तहत रक्षा मदों पर खर्च के लिए 768.2 अरब डॉलर अधिकृत किए गए हैं, जिसमें 2022 के लिए रक्षा सेवाओं के सदस्यों के वेतन में 2.7 प्रतिशत बढ़ोतरी भी शामिल है।
दुनिया में हथियारों की दौड़ शुरू हो चुकी है। अमेरिका ने अपने रक्षा बजट में बड़ी बढ़ोतरी की है। 2022 में अमेरिका का रक्षा बजट 768.2 अरब डॉलर रखा गया। दुनिया में सिर्फ 17 देश हैं जिनकी जीडीपी इस रकम से ज्यादा है। ये बढ़ोतरी उस वक्त में हुई जब दुनिया की दो महाशक्तियां रूस और चीन से अमेरिका का तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका ने अपने रक्षा बजट में चीन के खिलाफ विशेष रणनीति बनाने की तैयारी की है। इसके लिए अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध में इस्तेमाल किए गए अपने नेवल बेस को और आधुनिक करने जा रहा है।
बाइडेन ने क्यों बढ़ाया रक्षा बजट
अमेरिका कभी यूक्रेन के लिए रूस से तो कभी ताइवान के लिए चीन से भिड़ने को तैयार रहता है। ईरान के खिलाफ भी अमेरिका सख्त है। अफगानिस्तान से भले ही अमेरिकी सैनिकों की विदाई हो गई हो लेकिन फिर भी इतने मोर्चों पर एक साथ नजर रखने के लिए अमेरिका अपने रक्षा बजट से कोई समझौता नहीं कर सकता।
चीन के दादागिरी पर लगाम
रूस से वैसे तो अमेरिका का तनाव दशकों पुराना है, लेकिन वर्तमान दौर में अमेरिका अपने लिए रूस से बड़ा खतरा चीन को मानता है। चीन के खिलाफ एक बड़ी रणनीति बनाने का आह्वाहन किया। बजट में चीन-रूस से प्रतिस्पर्धा को फोकस किया गया है। गुआम और वेक नेवल बेस से चीन व उत्तर कोरिया पर नजर रखा जाएगा। हिंद प्रशांत क्षेत्र में अभियान चलाने के लिए 7.1 अरब डॉलर का प्रावधान किया गया है। यह वही इलाका है जहां पर चीन लगातार दादागिरी दिखा रहा है।