इस्लामाबाद। प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), पाकिस्तान सरकार के साथ हुए महीने भर के संघर्ष विराम समझौते का विस्तार नहीं करेगा। यह घोषणा आतंकी समूह ने की है और यह प्रधानमंत्री इमरान खान के समूह के साथ शांति समझौते के प्रयासों को एक बड़ा झटका है। पिछले 14 वर्षों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हुए कई बड़े हमलों के पीछे पाकिस्तान तालिबान रहा है। इन हमलों में 2014 में पेशावर में एक सैनिक स्कूल पर हमला भी शामिल है, जिसमें 150 से अधिक व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
खबर के अनुसार इसने कहा कि ‘‘दोनों पक्ष 1 नवंबर, 2021 को संघर्षविराम के संबंध में एक संयुक्त बयान जारी करेंगे।’’ बयान के अनुसार, सरकार न केवल दोनों पक्षों के बीच हुए फैसलों को लागू करने में विफल रही, बल्कि इसके विपरीत, सुरक्षा बलों ने डेरा इस्माइल खान, लक्की मारवात, स्वात, बाजौर, स्वाबी और उत्तरी वजीरिस्तान में छापेमारी की और आतंकवादियों को मार गिराया और हिरासत में लिया। टीटीपी ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में संघर्ष विराम को आगे बढ़ाना संभव नहीं है।’’ इससे पहले एक ऑडियो संदेश में टीटीपी प्रमुख मुफ्ती नूर वली महसूद ने संघर्ष विराम की समाप्ति की घोषणा की और अपने लड़ाकों से 12 बजे के बाद हमले फिर से शुरू करने को कहा। खबर में कहा गया है कि संघर्षविराम नौ नवंबर को लागू हुआ था।