पूरी दुनिया में मशहूर दक्षिण कोरियाई पॉप संगीत (के पॉप) देखने या उसके वीडियो को वितरित किए जाने पर पिछले एक दशक में सात लोगों को सरेआम मौत के घाट उतारा जा चुका है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार मानवाधिकार समूह की एक नई रिपोर्ट में पाया गया है कि उत्तर कोरिया ने पिछले दशक में के-पॉप वीडियो देखने या वितरित करने के लिए कम से कम सात लोगों को सार्वजनिक रूप से मार डाला है। रिपोर्ट ट्रांजिशनल जस्टिस वर्किंग ग्रुप द्वारा जारी की गई थी और यह उत्तर कोरिया के लगभग 700 लोगों का इंटरव्यू लिया है जो वहां से भाग कर आए हैं। रिपोर्ट ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन की खुलेआम धमकी की गवाही की ओर इशारा किया है और कहा गया है कि साउथ कोरिया के ड्रामा को देखना अपराधों में से एक है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि किम जोंग-उन ने के-पॉप को “कैंसर” की संज्ञा दी है। किम जोंग उन के आदेश में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया की म्यूजिक और टीवी सीरियल्स हमारे देश की पोशाक, हेयर स्टाइल, भाषा और व्यवहार को भ्रष्ट बना रही है। दिसंबर में ही इससे संबंधित एक कानून लाया गया था जिसमें दक्षिण कोरिया के किसी भी एंटरटेनमेंट को देखने पर लेबर कैंप में 15 साल की कैद की सजा हो सकती है। पहले यह अधिकतम सजा केवल 5 साल की थी। इतना ही नहीं, इन पेन ड्राइव्स की तस्करी में शामिल लोगों को पकड़े जाने पर मौत की सजा देने का प्रावधान है।

क्या है के-पॉप

दक्षिण कोरिया के कोरियन पॉप को आम बोलचाल की भाषा में के-पॉप के नाम से जाना जाता है। मुख्य रूप से वेस्टर्न म्यूजिक पर बेस्ड के-पॉप में अब कई सारे डांस मूव्स और म्यूजिक स्टाइल आ मिले हैं। इस कारण दक्षिण कोरिया के इस पॉप म्यूजिक के पूरी दुनिया में दीवाने मिलेंगे। भाषा-खानपान-संस्कृति आदि में समानता होने के कारण उत्तर कोरियाई लोग के-पॉप को खूब पसंद भी करते हैं।

333400cookie-checkक्या है ‘के-पॉप’? जिसे देखने वाले को उत्तर कोरिया में उतारा जाता है मौत के घाट
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